किस्सा वृक्ष का - पुखराज तेली

कुदरत पर जो इन्सान ने एहसान किये 
यह उनका किस्सा हैं,
दो बूंद पानी क्या पिला दिया पेड़ को
कहते हो तुम्हारा हिस्सा हैं ?
तुम भी कभी थककर छांव में बैठे होंगे,
तुमने भी कभी धरती की कोख से जल पिया होगा ?
पेड़ काटकर क्या मिला तुमको?
तुमने भी तो कभी फल खाया होगा ?
आज जो अच्छा ना लगा तुमको,
लेकिन कभी तो प्रकृति का खूबसूरत नजारा किसी को दिखाया होगा ?
हद करते हो.....
पेड़ काटकर उसी के कागज पर पेड़ बचाओ लिखते हो ।
हद करते हो.....
पौधे को गमले में सजाते हो और पेड़ को गले से उड़ाते हो ।
हद करते हो.....
प्रकृति से सब कुछ चाहते हो लेकिन प्रकृति को ही नहीं चाहते हो ।
हद करते हो.....
खुद दोषी बनकर, दूसरों को दोषी ठहराते हो ।
मैं नए पेड़ की कहानी सुनाता हूँ,
क्योंकि मैं हर साल कई पेड़ लगाता हूँ ।


~ पुखराज तेली #pukhrajteli

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